Bihar New Expressway: बिहार में परिवहन व्यवस्था को बदलने वाली आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे परियोजना जल्द ही पूरी होने वाली है. यह 189 किलोमीटर लंबी 4-लेन एक्सप्रेसवे राज्य के चार प्रमुख जिलों पटना, गया, वैशाली और दरभंगा को सीधे जोड़ेगी.
₹8,000 करोड़ की लागत से बन रही यह हाईवे यात्रियों को उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच का सफर 4 घंटे से घटाकर महज 2 घंटे में पूरा कराएगी. एनएचएआई के मुताबिक, 80% कंस्ट्रक्शन काम पूरा हो चुका है और 2025 के अंत तक यह एक्सप्रेसवे ऑपरेशनल हो जाएगी. आइए जानते हैं इस प्रोजेक्ट की खास बातें.

Bihar New Expressway का रूट और जिले
यह एक्सप्रेसवे औरंगाबाद जिले के आमस गांव से शुरू होकर दरभंगा जिले के नवादा गांव तक जाएगी. यह रूट पटना, गया, वैशाली और दरभंगा जिलों के प्रमुख शहरों को कवर करेगी. पटना के फतुहा और धनरूआ में इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है. हाईवे का निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत किया जा रहा है जो इसे देश के प्रमुख एक्सप्रेसवे नेटवर्क से जोड़ेगी.
प्रोजेक्ट की खास विशेषताएं
Bihar New Expressway पर वाहन 100 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगे. सुरक्षा के लिए पूरे रास्ते CCTV कैमरे, स्पीड सेंसर और इमर्जेंसी हेल्पलाइन सुविधा दी जाएगी. हर 50 किमी पर फ्यूल स्टेशन, रेस्टोरेंट और मेडिकल यूनिट बनाए जाएंगे. खास बात यह है कि इस हाईवे पर एलिवेटेड रोड और अंडरपास की संख्या 38 से ज्यादा होगी. जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या नहीं होगी.
कंस्ट्रक्शन की लेटेस्ट अपडेट
एनएचएआई ने इस प्रोजेक्ट को 4 पैकेजों में बांटा है. पैकेज-1 (आमस से शिवरामपुर) और पैकेज-2 (शिवरामपुर से रामनगर) का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. पैकेज-3 (कल्याणपुर से बलभद्रपुर) में 65% और पैकेज-4 (बलभद्रपुर से नवादा) में 40% काम पूरा हुआ है. मेक इंडिया पहल के तहत मेईल कंपनी इसके तीन पैकेज बना रही है.
इन जिलों को मिलेगा फायदा
- पटना: राजधानी की ट्रैफिक समस्या कम होगी और औद्योगिक क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा.
- गया: बौद्ध पर्यटन सर्किट से जुड़े शहरों तक पहुंच आसान होगी.
- वैशाली: कृषि उत्पादों की ट्रांसपोर्ट लागत घटेगी.
- दरभंगा: शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बेहतर होगी.