हरियाणा से गुजरकर Delhi-Katra Expressway ने बनाया रिकॉर्ड.. अब सिर्फ 6 घंटे में पहुंचेंगे वैष्णो देवी…

Delhi-Katra Expressway: दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे भारत सरकार के प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में से एक है. यह 669 किलोमीटर लंबा, 4-लेन वाला (भविष्य में 8 लेन तक विस्तार योग्य) ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे दिल्ली को जम्मू-कश्मीर के कटरा से जोड़ेगा. इस प्रोजेस्वे के पूरा होने पर दिल्ली से वैष्णो देवी की यात्रा सिर्फ 6 घंटे में संभव होगी. आइए जानते हैं इसके फीचर्स, प्राइसिंग और अन्य खास बातें.

Delhi-Katra Expressway
Delhi-Katra Expressway

Delhi-Katra Expressway की मुख्य जानकारी.

Delhi-Katra Expressway की कुल लंबाई 669 किमी है. जिसमें 397 किमी दिल्ली-कटरा सेक्शन (NE-5) और 99 किमी नकोदर-अमृतसर सेक्शन (NE-5A) शामिल है. प्रोजेक्ट की कुल लागत ₹35,000-40,000 करोड़ आंकी गई है. एक्सप्रेसवे का निर्माण 18 पैकेजों में किया जा रहा है. जिसमें 5 पैकेज जम्मू-कश्मीर, 5 हरियाणा और 8 पंजाब में हैं.

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कंस्ट्रक्शन स्टेटस और डेडलाइन.

जम्मू-कश्मीर सेक्शन में 144 किमी के 5 पैकेजों में से 3 का काम सितंबर 2025 तक पूरा होगा. बाकी 2 पैकेज मार्च 2026 तक पूरे होंगे. पंजाब सेक्शन में लुधियाना के 38 किमी स्ट्रेच में 57.65% काम पूरा हो चुका है. मलेरकोटला-लुधियाना पैकेज 31% पूरा है और इसकी डेडलाइन दिसंबर 2025 तय की गई है. हरियाणा सेक्शन में 135 किमी का कुंडली-कैथल रूट नवंबर 2024 से ऑपरेशनल हो जाएगा.

खास फीचर्स और सुविधाएं.

Delhi-Katra Expressway पर कारें 120 किमी/घंटा और ट्रक 80 किमी/घंटा की स्पीड से दौड़ सकेंगे. बूथलेस फास्टैग टोल सिस्टम लागू होगा, जिसमें एक तरफा टोल चार्ज कार के लिए ₹240 और ट्रक के लिए ₹880 होगा. सुरक्षा के लिए 24×7 एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और ट्रॉमा सेंटर की व्यवस्था होगी. पैदल यात्रियों के लिए 20 अंडरपास बनाए जाएंगे. अमृतसर एयरपोर्ट स्पर रूट के जरिए यह एक्सप्रेसवे धार्मिक स्थलों जैसे गोल्डन टेंपल और खडूर साहिब को डायरेक्ट लिंक प्रदान करेगा.

यात्रा समय और दूरी में कमी.

दिल्ली से कटरा की दूरी वर्तमान 727 किमी से घटकर 588 किमी रह जाएगी और समय 14 घंटे से घटकर सिर्फ 6 घंटे होगा. दिल्ली से अमृतसर की दूरी 405 किमी रह जाएगी और यात्रा का समय 8 घंटे से घटकर 4 घंटे होगा. लुधियाना से दिल्ली पहुंचने में सिर्फ 3 घंटे लगेंगे.

प्रोजेक्ट की चुनौतियां.

पंजाब के 4 गांवों (चापड़, धुरकोट) में किसानों ने जमीन के लिए ₹80 लाख/एकड़ की मांग की है. जबकि सरकार ₹50 लाख/एकड़ देने को तैयार है. पंजाब में 362 किमी का काम अभी अधूरा है और कुल लागत ₹25,000 करोड़ से बढ़कर ₹38,905 करोड़ हो गई है.

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